
अभय देओल ने सेक्सुएलिटी पर कहा कि ये एक ऐसी चीज है जिसे डिफाइन नहीं किया जा सकता। हर इंसान में एक औरत और एक मर्द वाले गुण होते हैं।
48 साल की उम्र में भी बॉलीवुड एक्टर अभय देओल सिंगल हैं और अब उन्होंने अपनी सेक्सुएलिटी पर बात की है। उन्होंने कहा कि इसे वो कोई लेबल नहीं देना चाहते। एक्टर ने कहा कि सेक्सुएलिटी को पहचान देने के लिए वो कोई वेस्टर्न तरीके पर विश्वास नहीं करते। वो जो हैं वो हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये कोई ऐसी चीज नहीं है जो उन्हें डिफाइन कर सके।
हाल ही में अभय देओल ने एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की है, जिसमें वह शीशे के सामने खड़े हैं और खुद को किस कर रहे हैं। इसके बाद अब एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि सेक्सुएलिटी को लेकर उनका क्या कहना है, तो उन्होंने कहा कि वह इस पूरे मामले को स्पेक्ट्रम की तरह देखते हैं और इसे डिफाइन नहीं कर सकते।
डर्टी मैगजीन को दिए इंटरव्यू में ृ उन्होंने कहा, “सेक्सुएलिटी की पहचान करने के वेस्टर्न तरीके को अस्वीकार करता हूं। पूर्वी नजरिया बहुत अलग है, यह हम सभी को पहचानता है। मैं अपनी सेक्सुएलिटी को परिभाषित नहीं कर सकता और यह कॉन्ट्रोवर्शियल लग सकता है, लेकिन मेरे लिए यह ऐसी चीज है, जिसे मैं डिफाइन नहीं कर सकता हूं। मुझे लगता है कि यह सामने वाले कंफर्ट के लिए ज्यादा है, ताकि वे आपको एक बॉक्स में रख सकें, बड़े करीने से आपको फिट कर सकें। मुझे खुद को वेस्टर्न तरीके में क्यों बयां करना है। मैंने अपने जीवन में सभी अनुभवों को अपनाया है और मैं ऐसा करना जारी रखूंगा। मुझे नहीं पता कि इसे कैसे लेबल किया जाए, मैं इसे लेबल नहीं करना चाहता। हम सभी के भीतर एक मर्द और एक औरत वाला गुण है, इसलिए मेरी राय में हम सभी वही हैं।”
‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’, ‘देव डी’ और ‘ओए लकी लकी ओए’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके अभय के लिए, मर्दानगी “लोगों को सुरक्षित और शामिल महसूस कराने की क्षमता है।” अभिनेता ने कहा कि एक आदमी के रूप में, वह एक प्रोटेक्टर और प्रोवाइडर की तरह महसूस करते हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह या तो एक व्यक्तिगत अनुभव या कंडीशनिंग हो सकता है।