
Capital Gains Tax : बजट एलानों के अनुसार शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) में बदलाव किया गया है. इस बदलाव के बाद से इक्विटी से जुड़े निवेशकों पर असर होगा.
Capital Gains Tax Impact : आम बजट में खासतौर से इक्विटी में निवेश करने वालों को झटका लगा है. केंद्र सरकार ने बजट में कैपिटल गेंस टैक्स में बदलाव करने की घोषणा की है. बजट एलानों के अनुसार शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) में बदलाव किया गया है. इस बदलाव के बाद से इक्विटी से जुड़े निवेशकों पर असर होगा. इससे म्यूचुअल फंड में लम्प सम और एसआईपी दोनों के जरिए मिलने वाला रिटर्न प्रभावित होगा, जिसके बारे में आपको जानना चाहिए.
बजट एलानों के मुताबिक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स को 10 फीसदी से बढ़कर 12.5 फीसदी कर दिया गया. जबकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स अब 15 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी हो गया है. एक राहत यह दी गई है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स तभी टैक्स के दायरे में आएगा, जब एक वित्त वर्ष में आपको 1.25 लाख रुपये से ज्यादा फायदा हुआ हो. पहले यह 1 लाख रुपये था.
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस तब लगाया जाता है, जब आप म्यूचुअल फंड यूनिट को 12 महीने से पहले बेचते हैं. वहीं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स तब लगता है, जब आप अपना निवेश 1 साल बाद बेचते हैं. हालांकि अगर 1 साल बाद बेचने पर आपको 1.25 लाख रुपये से ज्यादा अर्निंग होगी, तभी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस लगाया जाएगा.
मान लिया कि आपने म्यूचुअल फंड में लम्प सम पैसा लगाया है और आपको अपने निवेश पर 2 साल में 5 लाख रुपये की कमाई हुई है. यह एलटीसीजी के तहत आएगा और इस पर अब 12.5 फीसदी टैक्स देना होगा.
यहां 5 लाख रुपये में से 1.25 लाख घटाने के बाद आपकी टैक्सेबल इनकम 3.75 लाख रुपये होगी. इस पर 12.5 फीसदी टैक्स लगेगा, जो 46,875 रुपये होगा.
जबकि बजट के पहले 5 लाख रुपये से 1 लाख रुपये घटाने के बाद 4 लाख रुपये आपकी टैक्सेबल इनकम होती और इस पर 10 फीसदी के हिसाब से 40,000 रुपये टैक्स लगता. इस लिहाज से आपको अब 6875 रुपये ज्यादा देना होगा.