
5 ways to protect yourself from New Year scams: नए साल के मौके पर स्कैमर्स आम लोगों को फंसाने के लिए नई-नई तैयारियां कर रहे हैं। अगर आप ऑनलाइन फ्रॉड से बचना चाहते हैं तो जानें टॉप-5 टिप्स…
5 ways to protect yourself from New Year scams: 2024 बस आने ही वाला है और इसके साथ ही स्कैमर्स व फ्रॉडस्टर्स भी आम इंटरनेट यूजर्स की मेहनत की कमाई और निजी जानकारी चुराने की नई तैयारियों में जुटे हुए हैं। फेक हॉलिडे गिफ्ट वाउचर्स से लेकर पॉप्युलर ई-कॉमर्स वेबसाइट के डिस्काउंट कूपन तक, साइबरक्रिमिनल्स हर साल पहले से ज्यादा स्मार्ट होते जा रहे हैं। आज हम आपको बता रहे हैं उन तरीकों के बारे में जिनसे नए साल के मौके पर ऑनलाइन स्कैमर्स लोगों को अपने जाल में फंसाने की तैयारी में हैं, जानें इनसे कैसे बचा जा सकता है…
वेबसाइट का रिव्यू चेक करें
न्यू ईयर के मौके पर हर कोई जश्न में डूबा रहता है और फ्रॉडस्टर्स इस बात के लिए तैयार बैठे हैं कि यूजर्स का ध्यान भटकाकर उन्हें ऑनलाइन स्कैम में आसानी से कैसे फंसाया जाएगा। अगर आप अकसर ही ऑनलाइन बढ़िया डील के इंतजार में रहते हैं तो यह भी एक ऑनलाइन ठगी का एक तरीका हो सकता है।
कई बार ये ठग ट्रैवल ऑफर्स और स्मार्टफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स पर डिस्काउंट डील देकर लोगों को लुभाने की कोशिश करते हैं। इसलिए हमेशा यह सुनिश्चित करें कि जिस वेबसाइट से आप सामान खरीद रहे हैं तो वह वैध हो और फेक ना हो। किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की ऑथेंटिसिटी चेक करने के लिए आप गूगल पर जाकर वेबसाइट के नाम के साथ Review लिखें या फिर थर्ड-पार्टी सर्विसेज जैसे Trustpilot का इस्तेमाल करें।
अगर आपके दोस्त या परिवार से आपको किसी वेबसाइट का लिंक मैसेज में मिलता है तो उस पर क्लिक करने से पहले कई बार सोचें क्योंकि आपके एक क्लिक करने से आपकी सारी मेहनत की कमाई जा सकती है। इसके अलावा एक लिंक से ही हो सकता है कि आप ‘Digital Arrest’ का शिकार हो जाएं। ये फ्रॉडस्टर्स न्यू ईयर के मौके पर यूजर्स को ईमेल में फेक वेबसाइट्स के लिंक भी भेजते हैं। किसी भी अनजान यूजर्स से मिलने वाले लिंक पर क्लिक करने से बचें, खासतौर पर अगर ईमेल को किसी अनजान शख्स द्वारा भेजा गया हो।
अगर आप सोशल मीडिया वेबसाइट्स जैसे Instagram और Facebook पर किसी प्रोडक्ट को देखते हैं तो क्लिक करने से पहले ऑथेंटिसिटी चेक करें। अगर आपको अपने दोस्त से कोई ऐसा मैसेज या लिंक मिलता है जिसमें डिस्काउंट पर कोई सामान मिल रहा हो तो बेहतर है कि पहले यह चेक करें कि वाकई ऐसा है या नहीं और बेहतर है कि उन्हें कॉल कर लें और इस बारे में पूछ लें।
अधिकतर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, ईमेल सर्विसेज और बैंक अब अतिरिक्त सिक्यॉरिटी के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑफर करते हैं। लेकिन कुछ ऐसी सर्विसेज भी हैं जो इस तरह के सिक्यॉरिटी फीचर नहीं ऑफर करतीं।
अगर आप किसी अनजान और नई वेबसाइट पर लॉगइन कर रहे हैं या फिर गोपनीय जानकारी जैसे पासवर्ड या कार्ड इन्फो को एंटर कर रहे हैं तो एक नहीं दो बार यह चेक करें कि वेबसाइट फेक ना हो। उन थर्ड-पार्ट सर्विसेज और वेबसाइट पर पासवर्ड एंटर करने से बचें जिनका नाम आपने ना सुना हो। हो सकता है कि स्कैमर्स इन फेक वेबसाइट के जरिए आपकी लॉगइन डिटेल चोरी कर लें।
स्कैमर्स अब आर्टिफिशियल और ह्यूमन इंटेलिजेस को एक साथ इस्तेमाल कर रहे हैं और जाने-माने बैंकों के फोन नंबर और उनके प्रतिनिधियों की आवाज बनकर लोगों को फंसा रहे हैं। ऑनलाइन या फोन कॉल पर किसी भी बैंक प्रतिनिधि और किसी दूसरे शख्स के साथ अपनी निजी जानकारी शेयर करते समय बेहद सावधान रहें।
भारतीय बैंक बार-बार अपने ग्राहकों को यह जानकारी देते रहते हैं कि बैंक प्रतिनिधि कभी भी संवेदनशील जानकारी जैसे कार्ड नंबर या PIN नहीं पूछते हैं। और अगर उन्हें किसी अनजान या ऑफिशियल जैसे दिखने वाले नंबर से कोई कॉल मिलता है तो समझ जाएं कि कोई स्कैमर आपके पैसे को लूटने की साजिश रच रहे हैं।