
Hindenburg Report: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सेबी ने कहा है कि कंपनी से पुराने मामले में सवाल पूछे थे, जिसके जवाब देने के बजाए, उसने निजी आरोप लगाए है।
Hindenburg Report: अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की सेबी प्रमुख को लेकर शनिवार को आई रिपोर्ट ने एक बार फिर बम सा फोड़ दिया है। इससे पहले जब पिछले साल अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी, तो कंपनी के निवेशकों को बड़ा आर्थिक झटका लगा था। ऐसे में सोमवार को मार्केट ओपनिंग में निवेशकों को हिंडनबर्ग रिपोर्ट के असर का डर सता रहा है। इस बीच सेबी ने सभी रीटेल इनवेस्टर्स के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। सेबी ने निवशकों से कहा है कि किसी भी तरह का फैसला सोच-समझकर ही लें।
सेबी ने निवेशकों से कहा है कि वे इस रिपोर्ट को लेकर पैनिक न करें और शांति बनाए रखें। शेयर बाजार नियामक ने निवेशकों से कहा है कि जिन शेयरों को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई है, उन शेयर्स में शॉर्ट पोजिशन होने की संभावना बन सकती है। हालांकि सेबी ने यह भी है कि उसने कई मामलों में अडानी ग्रुप के शेयर्स की जांच की है, जबकि कुछ की बाकी है।
अडानी ग्रुप की जांच को लेकर सेबी ने कहा है कि 24 मामले में जांच होनी थी, जिनमें से 22 मामलों की जांच हो गई है। अन्य दो में से एक जांच मार्च 2024 में पूरी हुई थी और एक फिलहाल बची हुई है। सेबी ने यह भी कहा कि जिन-जिन मामलों में ऑडिट पूरा हो गया है, उनमें कानूनी लिहाज से कार्रवाई भी की जा रही है।
हालिया हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि REIT नियमों में जो भी बदलाव किया गया है, वह ब्लैकस्टोन को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था। इसको लेकर भी सेबी के बोर्ड ने ने कहा है कि नियमों में बदलाव लोगों की राय के आधार पर किया गया था।
सेबी ने कहा है कि हमारा पूरा तंत्र ही ट्रांसपेरेंट है क्योंकि हम किसी और को नहीं बस केवल और केवल निवेशकों को फायदा पहुंचाने के लिए ही काम करते हैं। गौरतलब है कि सेबी पर हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि अडानी मामले में सबूत होने के बावजूद सेबी ने कोई कार्रवाई नहीं की है, बल्कि उसे ही नोटिस थमा दिया।
अडानी मामले में 24 में 23 की जांच पूरी होने का दावा